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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड्स के फिजिकल डिस्ट्रीब्यूशन की शुरुआत की। पीएम मोदी के एक बटन दबाते ही देशभर के करीब एक लाख प्रॉपर्टी मालिकों के पास इसे डाउनलोड करने एसएमएस पहुंचा। राज्य सरकारें इसी के आधार पर असली यानी फिजिकल प्रॉपर्टी कार्ड बांटेंगी।
स्वामित्व योजना के तहत मिलेंगे कार्ड
केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना राष्ट्रीय पंचायती दिवस के मौके पर 24 अप्रैल 2020 को लॉन्च की गई थी। यह योजना ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों पर उनके मालिकों का मालिकाना हक दस्तावेजों के साथ सुनिश्चित करने के लिए है। योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए होगा और डिजिटल नक्शा तैयार होगा। मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा।
कार्ड धारकों को होगा यह फायदा
जमीन के सर्वे के रिकॉर्ड्स के आधार पर जमीन के मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए जाएंगे। इस कार्ड के जरिये जरिए वे अपनी संपत्ति पर बैंक से कर्ज या अन्य वित्तीय सुविधाएं हासिल कर सकेंगे। प्रॉपर्टी कार्ड होने पर आवेदन की प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। आवेदकों को लोन आदि के लिए बैंकों को ज्यादा कागज़ात नहीं देन पड़ेंगे। मंजूरी भी आसानी से हो जाएगी।
आसान हो जाएगा सरकार का काम
इस योजना से ग्रामीण योजना के लिए जमीन के सटीक आंकड़े मिलेंगे। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स के आकलन में भी सरकार को मदद मिलेगी। साथ ही इससे जमीन से जुड़े कानूनी विवादों में कमी लाने में भी मदद मिलेगी। पंचायती राज मंत्रालय इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है।
पहले चरण में कवर होंगे ये राज्य
पहले चरण में योजना का लाभ छह राज्यों के 763 गांवों को मिलेगा। इसमें 346 गांव उत्तर प्रदेश, 221 हरियाणा, 100 महाराष्ट्र, 44 मध्य प्रदेश, 50 उत्तराखंड और 2 गांव कर्नाटक से हैं। इनमें से महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड पर शुल्क रखा गया है। इसलिए वहां इसमें एक महीने तक का समय लग सकता है। इस योजना के तहत मार्च 2024 तक यानी 4 साल में 6.2 लाख गांवों को कवर किया जाएगा
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