वित्‍त मंत्रालय ने दिया 20 लाख करोड़ के पैकेज का हिसाब


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अर्थव्‍यवस्‍था पर कोविड-19 महामारी के बुरे प्रभावों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 12 मई 2020 को 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के खर्च का विवरण केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। काफी अर्से से यह मांग की जा रही थी कि सरकार बताये कि कितना पैसा कहां खर्च किया जा रहा है। आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज की मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन में अब तक हुई प्रगति इस तरह है।

● 30,000 करोड़ किसानों को

नाबार्ड के जरिए किसानों को दी गई 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी राशि। जारी बयान के मुताबिक 28 अगस्‍त 2020 तक 25,000 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। विशेष लिक्विडिटी सुविधा (एसएलएफ) के तहत 5000 करोड़ रुपये की शेष राशि छोटी एनबीएफसी और एनबीएफसी-एमएफआई के लिए आरबीआई द्वारा नाबार्ड को आवंटित की गई।

● 45 हजार करोड़ ऋण गारंटी योजना में

MSME और व्यक्तियों को नए सिरे से कर्ज देने के लिए NBFC, HFC और MFI के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0: वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक 28 अगस्‍त 2020 तक बैंकों ने 25,055.5 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो की खरीद को मंजूरी दे दी है और 4,367 करोड़ रुपये के लिए अनुमोदन बातचीत की प्रक्रिया में हैं।

● 30 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम

एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई सेक्‍टरों के लिए 30,000 करोड़ रुपये स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम में दिये गए हैं। योजना को लागू करने के लिए एसबीआईकैप को एक एसपीवी स्थापित करने का जिम्‍मा सौंपा गया था। 11 सितंबर तक 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिनमें 10590 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। 783.5 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए 6 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।

● 3 लाख करोड़ गारंटी-मुक्त ऑटोमेटिक लोन

MSME सहित कारोबारियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का गारंटी-मुक्त ऑटोमेटिक लोन के लिए दिए गए। व्यवसाय को राहत देने के लिए 29 फरवरी 2020 तक बकाया ऋण के 20% के बराबर अतिरिक्त कार्यशील पूंजी वित्त रियायती ब्‍याज दर पर सावधि ऋण के रूप में प्रदान किया जाएगा।

● एक लाख करोड़ आयकर रिफंड के रूप में

1 अप्रैल 2020 से लेकर 8 सितंबर 2020 तक की अवधि के बीच 27.55 लाख से ज्‍यादा करदाताओं को 1,01,308 करोड़ रुपये से भी अधिक के रिफंड जारी किए गए हैं। 25,83,507 मामलों में 30,768 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड जारी किए गए हैं और 1,71,155 मामलों में 70,540 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी किए गए।

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